दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने देश के इतिहास में सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज घोटालों में से एक का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि ये घोटाला कई राज्यों में फैला हुआ है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, बिचौलिए, शीर्ष शिक्षाविद और यहां तक कि एक स्वयंभू धर्मगुरु भी शामिल हैं। भारत की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में घपले को उजागर करने वाली इस सनसनीखेज सीबीआई जांच में, एक राष्ट्रव्यापी रिश्वतखोरी रैकेट का पता चला है. इस घोटाले में डीपी सिंह (पूर्व यूजीसी अध्यक्ष और वर्तमान टीआईएसएस चांसलर), स्वयंभू धर्मगुरु रावतपुरा सरकार, इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया और अधिकारियों और बिचौलियों का एक विशाल नेटवर्क जैसे शीर्ष नाम शामिल हैं।
CBI ने अपनी एफआईआर में 35 लोगों के नाम दर्ज किए हैं, जिनमें रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी संजय शुक्ला भी शामिल हैं, जो रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के चेयरमैन भी रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ वन विभाग के पूर्व प्रमुख और पीसीसीएफ शुक्ला ट्रस्टी की भूमिका में रावतपुरा समूह से जुड़े हुए हैं. हालांकि, अब तक इस मामले में केवल एक व्यक्ति को ही गिरफ्तार किया गया है।
CBI को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि NMC के कुछ अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत लेकर निजी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर CBI ने ट्रैप तैयार किया और बेंगलुरू में इंस्पेक्शन टीम के एक डॉक्टर को 55 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। वैसे रावतपुरा सरकार की मुश्किलें यहीं खत्म होती नहीं दिख रही है। रायपुर स्थित रावतपुरा सरकार के इस मेडिकल कॉलेज का जीरो ईयर भी घोषित किया जा सकता है। इस पूरी जांच में श्री रावतपुरा समेत आठ राज्यों के मेडिकल कालेज प्रबंधन से पैसे लेकर मान्यता देने का मामला सामने आया है।
CBI ने छापे की ये कार्रवाई बीते 1 जुलाई को की। CBI टीम ने तब कर्नाटक,मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,राजस्थान,उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत 6 राज्यों में 40 जगह छापे मारे थे। जिसमें तीन डॉक्टर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अब CBI ने इसी मामले में श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल साइंस और उसके चेयरमैन श्री रविशंकर जी महाराज और निदेशक अतुल तिवारी समेत 35 लोगों को आरोपी बनाया है. अब आप ये जान लीजिए कि किन-किन लोगों को आरोपी बनाया गया है।
कौन हैं रावतपुरा सरकार?
संत रविशंकर महाराज को ही मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत उत्तर भारत के लोग रावतपुरा सरकार के नाम से जानते हैं. उनके भक्तों की सूची कई बड़े राजनेता भी शामिल हैं। अध्यात्म की दुनिया में वे बड़ा नाम हैं। वो रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के चेयरमैन भी हैं। इसी इंस्टीट्यूट के मामले में CBI ने जो FIR दर्ज की है उसमें उनका नंबर चौथा है। संत रविशंकर महाराज का जन्म 12 जुलाई 1968 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छिपरी गांव में हुआ था।उनका बचपन का नाम रवि था, जो उनके नाना-नानी ने रखा था। उनके पिता,कृपाशंकर शर्मा, एक ग्राम सेवक थे. उनकी मां का नाम रामसखी शर्मा है।
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